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Solid Waste Management 

ठोस अपशिष्ट (घरेलू कचरा)

ठोस अपशिष्ट प्रबंध देश में आज बहुत बडी समस्या का रूप ले चुकी हैं हम सब बात करते है। पर्यावरण असंतुलन है लेकिन क्या हम जानते है कि पर्यावरण क्या है यदि सीधे शब्दो में कहू की हवा, पानी, ओर मिट्टी से मिलकर पर्यावरण बनाता है तो कोई अतिश्योक्ति नही हैं। क्योकि आज पृथ्वी पर मिट्टी, पानी, हवा, प्रदूषित हो चुकी हैं। ओर इसका कारण हम सब हैं। देश के 50 प्रतिशत जल स्त्रोत सूख चुके हैं। ग्लेशियर लगातार पिघल रहे हैं। समाचार पत्रो के माध्यम से अथवा दूरदर्शन से सब ने कभी ना कभी यह देखा होगा ओर सुना भी होगा। लेकिन क्या कभी हम ने सोचा कि इस समस्या का समाधान कैसे हो सकता हैं। जैसे-जैस देश की जनसंख्या बढ रही है। कचरे की समस्या विक्रल रूप लेती जा रही हैं। एक अनुमान के मुताबीक 2021 तक देश के कचरे के निपटारे हेतु 1600 कि.मी. X 1600 कि.मी. क्षेत्रफल भूमि की आवश्यकता होगी। जो देश की भूमि के कुल क्षेत्रफल का 2 तिहाई होगा। इससे इस समस्या का अंदाज लगा जा सकता हैं। यदि बक्त रहते कचरे की प्रबंधन की समस्या नही की गई तो हमारे आस-पास कचरा ही कचरा रहेगा। यदि आपने कभी ध्यान से देखा हो घर के बाहर का नजारा देखकर आपको अंदाज हो जाएगा की चारो तरफ पालीथिन पालीथिन नजर आएगी यह एक शुरूबात हैं। किन्तु हम सब मिलकर इससे निपटने की शुरूवात कर सकते हैं

  1. बाजार से सामान क्रय हेतु घर से झोला ले कर जाऐ ताकि पालीथिन का इस्तेमाल कम से कम करें।
     
  2. वाहनो का उपयोग आदि आवश्यक कार्य में ही करें। ताकि कार्बन-डाई आक्साइड गैस का उत्सर्जन कम हो।
     
  3. ए.सी. व लाईट का उपयोग आवश्यकतानुसार करें।
     
  4. घर के कचरे को इधर-उधर न फेके ।
     
  5. पानी की एक-एक बूंद कीमती हैं। इसका सही उपयोग करें।
     

नगर पालिकासीहोर ने घरेलू कचरे के प्रबंध की शुरू आत की हैं। व इस कडी में तीन वार्डो से घर-घर से कचरा इकठठा कर प्रबंध किया जा रहा हैं। जो कि आने वाले समय में 33 वार्डो में लागू होगा।

 

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